चपरासी ने पॉश इलाके श्यामला हिल्स की जमीन के भी बनाए थे फर्जी पट्टे

चपरासी ने पॉश इलाके श्यामला हिल्स की जमीन के भी बनाए थे फर्जी पट्टे


भोपाल । एमपी नगर की करीब पांच सौ करोड़ की जमीन का फर्जी तरीके से पट्टा बनाने वाले कलेक्टर कार्यालय के बर्खास्त चपरासी बाबूलाल सुनहरे श्यामला हिल्स जैसे पॉश इलाके समेत कई और क्षेत्रों की जमीन के फर्जी पट्टे बनाकर लोगों को दे चुका है। इस मामले में अब भी ईओडब्ल्यू जांच कर रही है। बता दें कि एमपी नगर जोन वन की जमीन का फर्जी तरीके से पट्टा बनाकर देने के मामले में राजधानी की अदालत बाबूलाल समेत दस आरोपितों को दोषी ठहरा चुकी है। बाबूलाल को तो कोर्ट ने आजीवन करावास की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने ईओडब्ल्यू को इस मामले में 13 मार्च तक पूरा चालान पेश करने के निर्देश दिए हैं।


ईओडब्ल्यू ने बाबूलाल के खिलाफ तीन मामलों में एफआईआर दर्ज की है। बाबूलाल के खिलाफ यह जांच पिछले करीब 12 सालों से चल रही है। लेकिन चालान अब तक सिर्फ एक मामले में पेश हुआ है। बाबूलाल ने इसी तरह श्यामला हिल्स पर भारत भवन से लगी करीब स्क्वायर फिट जमीन, लिली टॉकीज क्षेत्र में करीब ढाई एकड़ जमीन के अलावा खानूगांव, जहांगीराबाद क्षेत्र की सरकारी जमीन के फर्जी पट्टे बनाकर निजी लोगों को दे दिए थे। इनकी कीमत भी पांच सौ करोड़ रुपये से कम नहीं होगी। यह जमीन से सौ से ज्यादा लोगों के नाम पर बाबूलाल ने की है। अब ईओडब्ल्यू जल्द ही इनसे पूछताछ करेगी। इसके लिए इन्हें नोटिस देकर तलब किया जाएगा।


 

ऐसे हुआ था मामले का पर्दाफाश


साल 2008 में कोर्ट में फर्जी पट्टे से जमानत लेते हुए आरोपित आशाराम पकड़ाया था। इस मामले की जांच एमपी नगर पुलिस को दी थी। पूछताछ में आशाराम ने बताया था कि उसे कलेक्टर कार्यालय के चपरासी बाबूलाल ने फर्जी पट्टा बनाकर दिया था। इस पर पुलिस ने जब बाबूलाल के घर छापा मारा तो वहां से बड़ी संख्या में कलेक्टर कार्यालय की फर्जी मुहरें समेत अन्य दस्तावेज जब्त हुए थे। पुलिस की पूछताछ में बाबूलाल ने राजधानी के विभिन्न इलाकों में सरकारी जमीन के फर्जी पट्टे बनाना स्वीकार किया था। इसके बाद मामला जांच के लिए ईओडब्ल्यू को दिया था।