मैनेजर सुधारेंगे शहरी पीएचसी व संजीवनी क्लीनिकों की गुणवत्ता

मैनेजर सुधारेंगे शहरी पीएचसी व संजीवनी क्लीनिकों की गुणवत्ता


भोपाल। शहरी बस्तियों में खोले गए अस्पतालों की गुणवत्ता सुधारने का काम अब प्रबंधकों के जिम्मे होगा। इसके लिए प्रदेश में विभिन्न जिलों में 32 अर्बन हेल्थ मैनेजरों की नियुक्ति की जाएगी। बड़े जिलों में इनकी तैनाती होगी। भर्ती की प्रक्रिया अगले महीने से शुरू होगी। उड़ीसा के बाद मध्यप्रदेश शहरी अस्पतालों के लिए मैनेजरों की नियुक्ति करने वाला दूसरा राज्य होगा।


इन अस्पतालों में अभी तक इलाज करने के साथ ही सफाई, सुरक्षा से लेकर गुणवत्ता संबंधी जिम्मेदारी भी प्रभारी डॉक्टर पर होती है। इस वजह से चिकित्सकीय कार्य प्रभावित होता है। गंदगी मिलने पर डॉक्टर को हटा दिया जाता है या उसके खिलाफ कार्रवाई कर दी जाती है। लिहाजा, अब प्रबंधकीय कार्यों के लिए पब्लिक हेल्थ मैनेजरों की नियुक्ति की जा रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अफसरों ने बताया कि मैनेजरों की नियुक्ति से शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), सिविल डिस्पेंसरी व संजीवनी क्लीनिकों में व्यवस्थाएं दुरुस्त हो सकेंगी। बड़े जिलों में इन अस्पतालों की संख्या ज्यादा होती है, इसलिए फिलहाल इन्हीं जिलों में मैनेजरों की नियुक्ति की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई होती, पर ओबीसी आरक्षण बढ़ाने पर हाईकोर्ट की रोक के चलते भर्ती शुरू होने में देरी हो रही है।


 

यह काम करेंगे मैनेजर


एएनएम व आशा के कार्यों की निगरानी मैनेजर करेंगे। वह लक्ष्य के मुताबिक काम कर रही हैं या नहीं यह देखा जाएगा।


अस्पतालों को साफ रखने की जिम्मेदारी इनकी होगी।


दवाओं की उपलब्धता बनाए रखना भी इनका काम होगा।


कायाकल्प अभियान के तहत अस्पतालों की ग्रेडिंग सुधारने का काम।


मरीजों से फीडबैक लेने व उनकी शिकायतें सुनने की व्यवस्था।


 

पब्लिक हेल्थ मैनेजरों की नियुक्ति से अस्पतालों में व्यवस्थाएं और बेहतर होंगी। सफाई भी अच्छी होगी। फीडबैक लेने की व्यवस्था ठीक होने से गुणवत्ता सुधारने में और मदद मिलेगी।


डॉ. पंकज शुक्ला, संयुक्त संचालक, एनएचएम