आगर और जौरा उपचुनाव तय करेंगे भाजपा की दशा-दिशा
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की दशा और दिशा तय करने में आगर और जौरा सीट पर होने वाले उपचुनाव अहम भूमिका अदा करेंगे। पार्टी में इन दिनों नेतृत्व का संकट बना हुआ है। पंद्रह साल सत्ता में रहने के कारण पार्टी का संगठन भी कमजोर हुआ है, जिसके चलते प्रदेशाध्यक्ष के नाम पर भी सहमति नहीं बन पा रही है। आने वाले महीनों में राज्यसभा के चुनाव का भी पार्टी को सामना करना है। ऐसे हालात में भाजपा को दोनों उपचुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंकनी होगी।
आगर सीट तो भाजपा की परंपरागत सीट है पर जौरा सीट पर भाजपा मात्र एक बार ही विजयी हो पाई है। यह सीट मूलत: कांग्रेस का गढ़ कही जाती है। हालांकि यहां से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। तोमर का संसदीय क्षेत्र मुरैना है, इस नाते उनके क्षेत्र में आने वाली विधानसभा सीट जिताने के लिए वे भी एढ़ी-चोटी का जोर लगाएंगे। भाजपा छिंदवाड़ा और झाबुआ में हुए दो उपचुनाव हार चुकी है।
गौरतलब है कि जौरा सीट से कांग्रेस विधायक बनवारीलाल शर्मा और आगर विधायक मनोहर ऊंटवाल का कुछ दिन पहले निधन होने से दानों सीट खाली हुई हैं। फिलहाल 230 सदस्यों वाली विधानसभा में 228 सदस्य हैं, इसमें कांग्रेस के 114, भाजपा के 107 और सात अन्य सदस्य हैं।
जौरा में त्रिकोणीय मुकाबला
जौरा में कांग्रेस, भाजपा और बसपा के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है। यहां 2013 में भाजपा के सूबेदार सिंह रजौधा ने विधानसभा चुनाव जीता था। इसके बाद 2018 में हुए चुनाव में कांग्रेस के बनवारीलाल शर्मा ने भाजपा से यह सीट छीन ली।
ऐसा कहा जाता है कि सूबेदार सिंह की बदौलत भाजपा 2013 में आजादी के बाद पहली बार चुनाव जीती थी। 2008 में यहां से मनीराम धाकड़ विधायक भी रहे, 2013 में उन्हें 30 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। पिछले साल 2018 में भी बसपा के मनीराम दूसरे नंबर पर रहे जबकि भाजपा के रजौधा तीसरे नंबर पर रहे थे। यहां ब्राह्मण, धाकड़, क्षत्रीय व कुशवाह समुदाय है। मुस्लिम वोट यहां काफी प्रभावशाली है।
आगर सीट पर भाजपा भारी
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट विधायक मनोहर ऊंटवाल के निधन से खाली हुई है। 1957 में वजूद में आने पर जनसंघ से लेकर भाजपा का ही दबदबा रहा है। भाजपा इस सीट पर छह बार जीत हासिल कर चुकी है। यहां पर सोंध्या जाति के मतदाता सबसे ज्यादा हैं। इस सीट पर 2003 से भाजपा का कब्जा है।
शिवराज का एलान
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तो 25 जनवरी को एलान किया था कि जौरा सीट पर होने वाला उपचुनाव जीतकर भाजपा प्रदेश में सत्ता में वापसी करेगी।
इनका कहना है
भाजपा हर चुनाव को गंभीरता से लेती है। हमारा पूरा विश्वास है कि दोनों उपचुनाव भाजपा जीतेगी।
डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे, प्रदेश प्रभारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा