एसआईटी करेगी 3860 करोड़ रुपये के बुंदेलखंड स्पेशल पैकेज घोटाले की जांच
भोपाल । बुंदेलखंड स्पेशल पैकेज में हुए घोटाले की जांच के लिए ईओडब्ल्यू ने एसआईटी (स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम) का गठन कर दिया गया है। सागर ईओडब्ल्यू एसपी धनंजय शाह के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है। इसके पहले ईओडब्ल्यू इस घोटाले में प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है। प्राथमिकी आरईएस (ग्रामीण यांत्रिकी सेवा) और वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई है। अब ईओडब्ल्यू की टीम पता करेगी कि इन दोनों विभागों को कितना रुपया आवंटित किया गया था और उसमें से इन विभागों ने कितना रुपया किस काम में खर्च किया। फिलहाल यह प्राथमिकी अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई है। एसआईटी में डीएसपी डीके सिंह, टीआई जितेन्द्र पाठक, टीआई वंदना दुबे, टीआई छविकांत आर्मो, एसआई गोविंद यादव, एसआई जय यादव और एसआई सत्येंद्र उपाध्याय को रखा गया है।
दरअसल, साल 2009 में केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार ने बुंदेलखंड विकास के लिए करीब 7220 करोड़ रुपये का पैकेज स्वीकृत किया था। इसमें मध्यप्रदेश के हिस्से में आने वाले बुंदेलखंड के विकास के लिए करीब 3860 करोड़ रुपये मिले थे। इसके तहत प्रदेश के छह जिलों का विकास होना था। इनमें दमोह, छतरपुर, पन्नाा, टीकमगढ़, दतिया और सागर में मूलभूत सुविधाओं के विकास कार्य के फंड में जमकर भ्रष्टाचार होने की शिकायतें केंद्र सरकार से लेकर प्रदेश सरकार को मिली थीं।
शिकायतों में बताया था कि पांच टन पत्थर को ढोने के लिए जिन ट्रकों के नंबर दिए गए थे असल में वो स्कूटर और मोटरसायकिल के थे। यह काम 2016 तक हुए थे। पूरे मामले की आपराधिक जांच भाजपा के शासनकाल में रुकी रही थी। भाजपा सरकार मामले की केवल विभागीय जांच करवा रही थी, लेकिन कांग्रेस ने सरकार बनाने के पहले इसे अपने वचन पत्र में शामिल किया था। इसी के बाद प्रदेश सरकार ने यह जांच ईओडब्ल्यू से कराने का निर्णय लिया था।