गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के लिए मप्र में बढ़ेंगी मेडिकल पीजी की 187 सीटें

गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के लिए मप्र में बढ़ेंगी मेडिकल पीजी की 187 सीटें


भोपाल। एमबीबीएस की तरह मेडिकल पीजी कोर्स (एमडी-एमएस) में 2020-21 के सत्र में गरीब सवर्णों (ईडब्ल्यूएस) को 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा। इसके लिए प्रदेश के विभिन्न सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पीजी की 187 सीटें बढ़ेंगी। सीटें बढ़ाने की सिफारिश एमसीआई ने भारत सरकार से की है। एक-दो दिन के भीतर इस संबंध में अधिसूचना जारी होने की उम्मीद है। बता दें कि प्रदेश के सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों में पीजी कोर्स में दाखिले के लिए 15 मार्च से पंजीयन की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने की है।


पीजी सीटें बढ़ाने के लिए एक साल से सरकारी मेडिकल कॉलेजों में संसाधन बढ़ाए जा रहे थे। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की टीम ने पीजी कोर्स संचालित करने वाले सभी छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों का निरीक्षण भी पिछले साल कर लिया था। इस आधार पर फरवरी के आखिरी हफ्ते में एमसीआई ने सीटें बढ़ाने की सिफारिश भारत सरकार को भेजी है।


 

प्रदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेज- 13


पीजी कोर्स संचालित करने वाले कॉलेज-6


दाखिले के बाद पीजी सीट छोड़ी तो 30 लाख रुपये देना होगा


प्रदेश के सरकारी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में पीजी में दाखिले के बाद सीट छोड़ने पर उम्मीदवारों को बंधपत्र के तहत 30 लाख रुपये जमा करने होंगे। इसी तरह से निजी मेडिकल कॉलेजों में सीट छोड़ी तो पूरे कोर्स की फीस देनी होगी। पिछले साल जून में तैयार यह नियम इसी सत्र से लागू होगा। इसका मकसद यह है कि सीटें खाली न रह जाएं। पीजी में दाखिले के लिए सिर्फ दो चरण की काउंसिलिंग होगी। इसके बाद मॉपअप राउंड और फिर कॉलेज स्तर की काउंसिलिंग होगी। मॉपअप राउंड व कॉलेज स्तरीय काउंसिलिंग के लिए कई बार योग्य उम्मीदवार नहीं मिल पाते। लिहाजा, चिकित्सा शिक्षा संचालनालय की कोशिश है कि शुरुआती दोनों चरणों में सभी सीटें भर जाएं, इसलिए यह व्यवस्था की जा रही है।


एमबीबीएस की तर्ज पर पीजी की सीटों में ईडब्ल्यूएस को आरक्षण देने के लिए सीटें बढ़ेंगी। हफ्ते भर में इस संबंध में एमसीआई से पत्र जारी होने की उम्मीद है।


डॉ. राजेंद्र शर्मा, उप संचालक, चिकित्सा शिक्षा