हनुमान मंदिर में भक्तिभाव से मनाया बुढ़वा मंगल उत्सव

ईशानगर। क्षेत्र के ग्राम बंधीकला में चैत मास के प्रारंभ होते ही रंग पंचमी के बाद आने वाले बुढ़वा मंगल उत्सव के रूप में मनाया गया। क्षेत्रीय व स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से यह पर्व तीन दिन तक मनाया गया। इस मौके पर रामायण पाठ के साथ भंडारा एवं कृष्ण लीला मंचित की गई। बुधवार को क्षेत्रीय फाग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें करीब 1 दर्जन से अधिक गांव की फाग मंडली अपनी बुंदेलखंडी फाग से लोगों को मंत्रमुग्ध करती देखी गई। गौरतलब है कि लगभग सवा सौ वर्ष पूर्व हनुमान मंदिर का निर्माण कराया गया था। किवदंती है कि धरती से हनुमान जी महाराज की प्रतिमा निकलने पर श्रद्धालुओं ने मंदिर का निर्माण कराया और विधिविधान से स्थापना की। तभी से यह मंदिर पटिया के बब्बा जू के नाम से प्रसिद्ध है। आज भी उस सपाट मूर्ति में हनुमान जी की स्पष्ट आकृति उभरकर देखी जा जाती है। हनुमान जी के दर्शन मात्र से ही लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आस्था के केंद्र हनुमान मंदिर में हर साल बुढ़वा मंगल पर्व मनाया जाता है। गांव में पीरी के हनुमानजी, अनगढ़ के हनुमान जी, मंदिर सहित राम जानकी, मां अंजनी का भी मंदिर स्थापित है। जहां अलग-अलग पर्वों पर धार्मिक उत्सव आयोजित किए जाते हैं। इस देव स्थल पर हर माह की अमावस्या व पूर्णिमा पर अखंड राम धुन एवं प्रतिदिन शाम 2 घंटे ग्राम के वृद्ध जनों द्वारा हरि भजन किया जाता है। लोक कल्याण के साथ ही लोगों की सुख समृद्धि के लिए यहां पिछले 21 वर्षों से शुद्ध घी की अखंड ज्योति जलाई जा रही है।