कन्या विवाह-निकाह योजना पर फिर से विचार करेगी सरकार
भोपाल। मंत्रियों की असहमति के बाद मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना और राजनीतिक दलों व चैरिटेबल ट्रस्ट को दी जाने वाली सरकारी जमीन के नियमों में संशोधन पर सरकार पुनर्विचार करेगी। मंगलवार को कैबिनेट में आए संशोधन प्रस्ताव को विचार करने का कहकर रोक दिया गया। कैबिनेट ने साढ़े पांच हजार करोड़ रुपये की 79 नल-जल योजनाओं को मंजूरी दी है। इसके अलावा मानसिक रोगियों की जीवनशैली में सुधार के लिए राज्य स्तर पर प्राधिकरण और संभाग स्तर पर रिव्यू बोर्ड के गठन को मंजूरी दी गई है। कैबिनेट ने विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की स्वेच्छानुदान राशि बढ़ाकर दोगुनी कर दी है।
कमलनाथ कैबिनेट ने दो बड़े प्रस्तावों को पुनर्विचार के लिए रोक लिया है। सरकार मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना में बदलाव चाहती है, ताकि योजना का लाभ लेने वालों की बढ़ रही संख्या को नियंत्रित किया जा सके। इसके लिए सामान्य वर्ग के लाभार्थियों के लिए बीपीएल और अनुसूचित जाति-जनजाति एवं ओबीसी वर्ग के लिए आयकरदाता होने का बंधन करने पर विचार है। कैबिनेट बैठक में इस पर चर्चा के दौरान आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने आपत्ति ली तो मुख्यमंत्री ने योजना में संशोधन का प्रस्ताव फिलहाल टाल दिया।
मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण बनेगा
सरकार ने मानसिक रोगियों की जीवनशैली में सुधार पर काम शुरू करते हुए राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के गठन को मंजूरी दी है। इसमें नौ सरकारी और 11 गैर सरकारी सदस्य रहेंगे। ऐसे ही संभाग स्तर पर रिव्यू बोर्ड गठित होगा, जिसमें पांच-पांच सदस्य रहेंगे।
इंदौर में अस्पताल को मंजूरी
इंदौर में 237 करोड़ रुपये की लागत से सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनेगा। कैबिनेट ने मंगलवार को इसकी मंजूरी दी है। इसके लिए 970 पद भी मंजूर किए हैं। इन पदों पर दो चरणों में भर्ती की जाएगी। ऐसे ही स्टेट एलाइट हेल्थ साइंस इंस्टीट्यूट जबलपुर के लिए 54 और स्टेट एलाइट हेल्थ साइंस इंस्टीट्यूट इंदौर के लिए 59 पद मंजूर किए गए हैं।
संस्थाओं को पुरस्कार देगी सरकार
दिव्यांगों के सामाजिक पुनर्वास और निशक्तता के क्षेत्र में कार्य करने वाली निजी संस्थाओं को सरकार प्रोत्साहित करेगी। ऐसी संस्थाओं को पुरस्कार दिया जाएगा। कैबिनेट ने सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
ऊर्जा भंडारण को मंजूरी
कैबिनेट ने प्रदेश में ऊर्जा भंडारण को मंजूरी दी है। इसके तहत निजी कंपनियां सौर्य, पवन सहित अन्य स्रोतों से जनरेट होने वाली ऊर्जा का भंडारण कर सकेंगी। इसमें कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार 10 साल तक विद्युत विकास उपकर नहीं लेगी और परियोजना के लिए निजी भूमि खरीदने स्टांप ड्यूटी में 50 फीसदी की छूट भी देगी। इसके अलावा कैबिनेट ने मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी जबलपुर की आय-व्यय सीमा बढ़ाने के लिए 500 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की मंजूरी दी है। इसके लिए सरकार गारंटी देगी।