लीज अवधि पूरी हाेने के बाद भी नवीनीकरण या निरस्तीकरण की कार्रवाई नहीं होने पर हाईकोर्ट ने शासन से जवाब मांगा

इंदौर / जनहित में लीज पर दी गई जमीनों की लीज अवधि पूरी होने के बावजूद ना तो उनका नवीनीकरण किया गया है और ना ही लीज निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है। मामले में दायर जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने प्रदेश सरकार के नगरीय प्रशासन, कलेक्टर, निगमायुक्त समेत अन्य से 6 सप्ताह में जवाब मांगा है।


जस्टिस एससी शर्मा और जस्टिस शैलेन्द्र शुक्ला की युगलपीठ में मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता महेश गर्ग की तरफ से पैरवी करते हुए एडवोकेट मनीष यादव और चंद्रकांत वर्मा ने तर्क पेश किए। इसमें कहा गया कि आमजन को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से इंदौर नगर निगम द्वारा विभिन्न संस्थाओं, क्लब, समाजों, ट्रस्टों को सस्ती दरों पर लीज पर भूखंड उपलब्ध कराए गए थे। लेकिन, लीज अवधि समाप्त होने के बावजूद अब तक ना तो उनका नवीनीकरण किया गया और ना ही लीज निरस्त करने की कार्रवाई की गई। इसके चलते शासन को उन जमीनों से प्राप्त होने वाले राजस्व की हानि हो रही है।


याचिका में यह भी कहा गया है कि जमीनों का उपयोग लीज शर्तों का उल्लंघन कर अन्य कार्यों के लिए किया जा रहा है। इंदौर की 84 भूखंडों की सूची भी कोर्ट के समक्ष पेश की गई जिनकी लीज अवधि समाप्त हो चुकी है और उन जमीनों का उपयोग अन्य कार्यों के लिए किया जा रहा है।