मध्य प्रदेश में सियासी सौदेबाजी, भाजपा के दो विधायक नदारद

मध्य प्रदेश में सियासी सौदेबाजी, भाजपा के दो विधायक नदारद


भोपाल। सियासी उठापटक के दौर में विधायक दल में तोड़-फोड़ की आशंका को देखते हुए भाजपा ने चाकचौबंद व्यवस्था की है। मंगलवार को भाजपा ने रीवा-शहडोल, सागर और जबलपुर संभाग की तीन अलग-अलग बैठकें बुलाकर सभी विधायकों से बातचीत की। पार्टी विधायकों से वन-टू-वन बातचीत कर पार्टी आश्वस्त होना चाहती है कि उसके विधायक एकजुट हैं पर बैठक में उसके दो विधायकों की गैरमौजूदगी ने पार्टी को चिंता में डाल दिया है। विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल की विश्वसनीयता को लेकर भाजपा को संदेह है। दोनों ही विधायकों ने 2019 में विधानसभा में एक विधेयक पर हुए मतदान में कांग्रेस के पक्ष में वोट किया था। सूत्रों का यह भी दावा है कि एक विधायक को तोड़ने के लिए हनी ट्रैप का सहारा भी लिया जा रहा है। राज्यसभा चुनाव तक भाजपा अपने सारे विधायकों पर नजर रख रही है।


आर-पार के मूड में भाजपा


मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप पर सहमति जताने के बाद प्रदेश के सियासी मोर्चे में और भी ज्यादा गर्माहट आ गई है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से भले ही सरकार बनाने या गिराने को लेकर कोई दावा या बयानबाजी नहीं की जा रही है, लेकिन पार्टी अब आर-पार के मूड में है। बिना किसी शोर-शराबे के भाजपा राज्यसभा चुनाव सहित बाकी सियासी खेल की तैयारी में लगी हुई है। मंगलवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में रीवा-शहडोल, सागर और जबलपुर संभाग की तीन अलग-अलग बैठक में प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और संगठन महामंत्री गोपाल भार्गव शामिल हुए। दिग्गज नेताओं ने विधायकों को विधानसभा सत्र की तैयारियों का हवाला देकर बुलाया, लेकिन उन्हें सियासी उठापटक से सतर्क रहने का प्रशिक्षण दिया गया। पार्टी सूत्रों का कहना है कि राज्यसभा चुनाव तक विधायकों की एकजुटता बनाए रखना बेहद अनिवार्य है।


 

त्रिपाठी-कोल नहीं आए


बैठक में विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल शामिल नहीं हुए। ये दोनों ही विधायक पिछले साल विधानसभा में कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर चुके हैं। पार्टी को आशंका है कि दोनों विधायक जरूरत पड़ने पर झटका दे सकते हैं।


हनी ट्रैप से भी घेराबंदी


सूत्रों का कहना है कि हनी ट्रैप के मामलों से जुड़े लोगों की भी घेराबंदी की जा रही है। कुछ रसूखदारों के नाम इससे जुड़े बताए जा रहे हैं।


 

भार्गव ने खारिज किए मंत्रियों के दावे


नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कुछ मंत्रियों द्वारा भाजपा विधायकों के संपर्क के दावे को खारिज करते हुए कहा कि इनके पास पांच-छह पार्षद भी नहीं होंगे, विधायकों की बात करते हैं।