महाकालेश्वर मंदिर के 7 सुरक्षाकर्मी निर्गम द्वार से श्रद्धालुओं को भस्म आरती दर्शन के लिए प्रवेश देते पकड़ाए, सेवा समाप्त

उज्जैन / महाकालेश्वर मंदिर में तैनात निजी सुरक्षा एजेंसी एसआईएस के 7 सुरक्षाकर्मियों को मंदिर समिति ने बाहर निकाल दिया है। यह निजी सुरक्षाकर्मी गैंग बना कर श्रद्धालुओं को निर्गम द्वार से अनधिकृत रूप से भस्मआरती में प्रवेश कराते थे। सीसीटीवी फुटेज में इनकी कारस्तानी पकड़े जाने के बाद सोमवार को प्रशासक एसएस रावत ने इनकी सेवा समाप्त करते हुए एसआईएस को उन सुरक्षाकर्मियों पर कार्रवाई करने के लिए पत्र दिया है। एजेंसी को भी चेतावनी दी है कि यदि एजेंसी के काम में सुधार नहीं होता है तो एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा।


महाकाल मंदिर में सुरक्षा की कमान हाल ही में नई सुरक्षा एजेंसी एसआईएस को दी है। एजेंसी ने मंदिर की सुरक्षा के लिए नई भर्ती कर 170 सुरक्षाकर्मी तैनात किए हैं। प्रशासक रावत के अनुसार शिकायत मिल रही थी कि तड़के 4 बजे होने वाली भस्मआरती में निर्गम द्वारा से बिना परमिशन श्रद्धालुओं को भेजा जा रहा है। यह जानकारी उस समय और पुख्ता हो गई जब भस्मआरती में दी गई परमिशन से ज्यादा श्रद्धालु पाए गए। इस पर निर्गम द्वारा सीसीटीवी कैमरों से निगरानी बढ़ाई। सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल व अन्य अधिकारियों ने कंट्रोल रूम में बैठ कर निजी सुरक्षाकर्मियों की कारस्तानी को कैमरों की नजर से पकड़ा। सुरक्षाकर्मी विक्रम सिंह, पप्पू सिंह, जय सिंह, सुरेंद्र मीणा, शिवराज अहिरवार व चंद्रकांता को अलग-अलग दिनों में दर्शनार्थियों को मंदिर के निर्गम द्वार से भस्म आरती दर्शन के लिए प्रवेश करवाते देखा गया। इसके बाद सभी को बुलाकर उनसे बात की गई। पहले तो वे इंकार करते रहे लेकिन जब उन्हें फुटेज दिखाए तो उन्होंने स्वीकार कर लिया। उनसे लिखित में इस बात को कबूलवाया गया कि उन्होंने श्रद्धालुओं को मंदिर में अनधिकृत प्रवेश करवाया है। इसके बाद प्रशासक ने सातों को सेवा से हटा दिया। एजेंसी को भी उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए चेतावनी पत्र दिया है। 

वर्दी का फायदा उठा कर दर्शन कराने के लिए वसूलते थे रुपए
मंदिर समिति के अधिकारियों के अनुसार एजेंसी ने जनवरी से काम शुरू किया है। 170 कर्मचारी तैनात किए हैं। इनमें कुछ पुराने और बाकी नए हैं। पकड़े गए सुरक्षाकर्मी वर्दी का फायदा उठा कर भस्मआरती के दर्शन कराने के नाम पर उन श्रद्धालुओं को पैसा लेकर प्रवेश करा देते थे, जिनकी परमिशन नहीं होती थी। श्रद्धालु से बातचीत, रुपए लेने, उन्हें निर्गम द्वार तक छोड़ने और प्रवेश कराने का काम अलग करते थे। रावत के अनुसार भस्म आरती में अनधिकृत प्रवेश रोकने के लिए कंट्रोल रूम से नजर रखी जाती है। सुरक्षा एजेंसी को चेतावनी दे दी है। पूर्व में भी लापरवाही पर एजेंसी पर जुर्माना किया था।