निगम कमिश्नर ने 19 मास्टरकर्मियों को बर्खास्त किया, कांग्रेस बोली - भाजपा नेताओं का कर रहे थे काम, मुफ्त में ले रहे थे वेतन

इंदौर / नगर निगम आयुक्त द्वारा हटाए गए 19 मास्टर कर्मियों के मामले में अब राजनीतिक शुरू हो गई है। एक ओर जहां भाजपा इस कार्रवाई को गलत बता रही है। वहीं, कांग्रेस इसे एक निष्पक्ष फैसला बता रही है। बता दें कि निगम कमिश्नर ने हाल ही में 19 मास्टरकर्मियों को बर्खास्त कर दिया था। इन पर आरोप था कि ये लोग काम नहीं कर रहे थे, बल्कि मुफ्त का वेतन ले रहे थे। 


मप्र कांग्रेस कमेटी के सचिव आशीष मिश्रा ने आरोप लगाया कि भाजपा के 15 साल के कुशासन में भाजपा के एजेटों की नगर निगम में मस्टरकर्मियों के रूप में भर्ती हुई। भर्ती के बाद इन एजेंटों ने भाजपा को यहां रहते हुए फायदा पहुंचाने का काम किया। ये तय समय पर तो हाजिरी लगाने नगर निगम पहुंच जाते थे, लेकिन जो काम इन्हें दिया जाता था, उसे करने की बजाय ये अन्य जगहों पर नौकरी करते थे। ये मस्टरकर्मी बिना काम किए वेतन ले रहे थे।


इनके खिलाफ शिकायत मिलने पर हमने यह बात मंत्री जयवर्धन सिंह तक पहुंचाई, जिसके बाद उन्होंने तत्काल निगमायुक्त को जांच के आदेश दिए। जांच के बाद शिकायत सही पाए जाने पर निगमायुक्त ने 19 मस्टरकर्मियों को बर्खास्त कर दिया। हटाए गए सभी मस्टरकर्मी भाजपा के एजेंट होने के साथ ही बूथ के कार्यकर्ता थे। ये चुनाव में भाजपा का बूथ संभालने का काम करते थे। भाजपा नेताओं ने पूरे शहर में  हर वार्ड में ऐसे करीब 100-100 लोगों को नियुक्त कर रखा है। करीब 5 से 10 हजार ऐसे मस्टरकर्मी निगम में काम कर रहे हैं, जिनके बारे में पड़ताल की जा रही है। भाजपा के एक पार्षद ने तो परिवार के साथ ही रिश्तेदारों को भी लगा रखा था।