मुरैना। जनपद पंचायत मुरैना क्षेत्र के तहत आने वाले कैंथरी गांव में कुछ पंडुक पक्षियों के शव सूखे कुएं के पास मिले थे। इस मामले में ग्रामीणों ने संदिग्ध रोग का खतरा जताया था। लेकिन पशु चिकित्सा विभाग ने पंडुक पक्षी के पीएम के बाद साफ किया है कि इन पक्षियों की मौत किसी संक्रामक रोग से नहीं हुई है और न हीं यह मौतें असामान्य हैं। इन पक्षियों की मौत की वजह पीएम रिपोर्ट में डी-हाईड्रेशन बताई गई है, जो सर्दियों के तत्काल बात सामान्य बात है। ब्राउन इंडियन डव यानी पंडुक पक्षियों के कुछ शव कैंथरी गांव के लोगों को एक सूखे कुएं के पास मिले थे। इसके बाद गांव में दहशत थी कि कहीं इन पक्षियों की मौत किसी संदिग्ध रोग के आगमन का संदेश तो नहीं है। हालांकि इन बहुतायत संख्या में पाए जाने वाले पक्षियों के अलावा किसी भी संरक्षित प्रजाति के पक्षी की मौत यहां नहीं हुई और नहीं इस तरह के और मामले सामने आए। फिर भी पशु चिकित्सा विभाग ने ग्रामीणों की संतुष्टि के लिए इस मामले में सक्रियता दिखाई और वन विभाग द्वारा लाए गए एक पंडुक पक्षी का पीएम गुरुवार देर शाम किया।
पंडुक का पीएम करने वाले डॉ. आरएम स्वामी ने बताया कि पक्षियों की मौत शरीर में पानी की कमी के कारण हुई। गांव में प्राकृतिक जल स्त्रोतों के सूखने की स्थिति में ऐसा होता है। चूंकि गांव से चंबल भी करीब ढाई किमी दूर थी, इसलिए जो पक्षी उड़कर यहां तक नहीं पहुंच पाए, उनकी प्यास से मौत हो गई। डॉक्टरों के मुताबिक सर्दियों के बाद जब गर्मियों का मौसम आता है तो तापमान बढ़ने पर आम तौर पर इस तरह के मामले सामने आते हैं।
कैंथरी गांव चंबल अभयारण्य का हिस्सा नहीं है। इसके बाद भी वन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों से अपील की है कि मानवता के नाते गर्मियों के मौसम में अपने घर की छतों और आंगन में सकोरों में पक्षियों के लिए पानी रखें, ताकि वे प्यास से न मरें।