विधानसभा का गणित, क्या वाकई मुश्किल में है कमलनाथ सरकार
में सियासी गरमा गई है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के 4 विधायक और 4 अन्य दलों के विधायक भाजपा से सम्पर्क में हैं और इस कारण प्रदेश की कमलनाथ सरकार (कमलनाथ) सरकार संकट में है। वहीं कांग्रेस ने भाजपा पर विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप भी लगाया है। हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का साफ कहना है कि कमलनाथ सरकार को कोई खतरा नहीं है, वहीं भाजपा नेता विधायकों की खरीद फरोख्त से इन्कार कर रहे हैं और कह रहे हैं कि कांग्रेस के विधायक ही इस सरकार में नहीं रहना चाहते हैं। इस बीच, यह जानना जरूरी है कि मौजूदा हालात में मध्यप्रदेश विधानसभा का गणित क्या कहता है? क्या इतने विधायक टूटते हैं तो क्या वाकई कमलनाथ सरकार सरकार गिर जाएगी?
2018 मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के बाद बनी थी कमलनाथ सरकार
मध्यप्रदेश में भाजपा के 15 साल के शासन के बाद 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे। मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें है और सरकार बनाने के लिए 116 सीटों की दरकार होती है। 2018 के चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस को 115 सीटों पर जीत दर्ज हुई। वहीं भाजपा 108 पर अटक गई। बसपा को 2 सीटें मिलीं। शेष 5 सीट निर्दलीयों व अन्य दलों के खाते में गई थी।
कांग्रेस - 114
भाजपा - 107
बसपा- 2
सपा- 1
निर्दलीय- 4
खाली सीट- 2
उपचुनाव हो सकते हैं निर्णायक
मध्यप्रदेश विधानसभा की जौरा और आगर मालवा सीट पर उपचुनाव होने हैं। इन चुनावों का परिणाम भी कमलनाथ सरकार के भविष्य का फैसला कर सकता है। आगर मालवा के भाजपा विधायक मनोहर ऊंटवाल का बीते दिनों निधन हो गया था।