मानसिक विक्षिप्त युवक को 200 फिट ऊंचे खंबे से उतारने बिजली कंपनी के एसई ने दिखाई समझ
छतरपुर। ईशानगर थाना क्षेत्र के ग्राम पहाड़गांव के खेतों से गुजरी हाईवोल्टेज बिजली प्रवाहित लाइन में एक मानसिक विक्षिप्त युवक के चढ़ जाने से हड़कंप मच गया। लगभग 20 घंटे तक 200 फिट ऊंचे खंबे पर चढ़े युवक को उतारने के लिए बिजली कंपनी के एसई ने समझदारी दिखाई। उसे 10 हजार के इनाम का प्रलोभन दिया गया तब वह उतरकर नीचे आया।प्राप्त जानकारी के अनुसार ईशानगर से सटी ग्राम पंचायत पहाड़गांव के खेतों 800 किलोवॉट की हाई वोल्टेज नेशनल सप्लाई लाइन गुजरी है। बुधवार की शाम जिला मुख्यालय की ओर से पैदल घूमता हुआ दीपक चौधरी नाम का युवक हाईवोल्टेज लाइन के पास आया और करंट प्रवाहित लाइन पर चढ़ गया। ग्राम पहाड़गांव के ग्रामीणों ने जब युवक को पावर लाइन के खंभे पर सबसे ऊपर बैठे देखा तो बिजली कंपनी के कर्मचारियों को सूचना दी। रात हो जाने के कारण कोई भी कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा और रात भर युवक बिजली खंबे पर बैठा रहा। सुबह बिजली कंपनी के एसई योगेंद्र कुमार बाजपेई, ईशानगर थाना प्रभारी रूपनारायण पटैरिया मौके पर पहुंचे और सबसे पहले लाइन की सप्लाई बंद कराई। ग्रामीणों की भारी भीड़ के बीच बिजली कंपनी के अधिकारी उसे नीचे उतरने के लिए आग्रह करते रहे लेकिन वह उतरने को तैयार नहीं थे। गुरूवार को दोपहर करीब 2.30 बजे जब उसे नीचे उतरने पर 10 हजार का इनाम देने का प्रलोभन दिया गया तब वह खंबे से नीचे उतर आया।
'युवक मानसिक रूप से कमजोर है और खुद को बिहार का बता रहा है। उसे पहले थाने लाया गया उसके बाद बिजली कंपनी के अधिकारियों के साथ ट्रेन से रवाना करने के आश्वासन पर जाने दिया गया।'
रूपनारायण पटैरिया
थाना प्रभारी, ईशानगर
थाने में भरपेट मिल गया खाना
लगभग 20 घंटे तक बिजली की हाईपावर लाइन पर चढ़े युवक को जब नीचे उतारकर ईशानगर थाने लाया गया तो उसे थाना प्रभारी रूपनारायण पटैरिया ने भोजन का प्रबंध किया। जैसे ही उसने खाना देखा तो वह उस पर टूट पड़ा। भरपेट भोजन करने के बाद उसने पुलिस को अपना नाम दीपक चौधरी बताया। वह ग्राम भिरकी थाना पिपरिया जिला सिरसा बिहार का रहने वाला है। ईशानगर थाना प्रभारी श्री पटैरिया ने बिजली कंपनी के अधिकारी को उसे ट्रेन पर बैठाने का प्रबंध करने के लिए कहा है।
'जाको राखे साईयां, मार सके न कोय'
हाई पावर लाइन की चालू सप्लाई वाली लाइन पर चढ़े युवक को गनीमत यह रही कि उसे करंट नहीं लगा। ग्रामीण बताते हैं कि वह एक दिन पहले छतरपुर के बस स्टैंड पर घूम रहा था और पैदल ही उसने ईशानगर के पहाड़गांव क्षेत्र की रास्ता पकड़ लिया। देर शाम करीब 8 बजे वह पहाड़गांव आया और करंट प्रवाहित लाइन के खंबे पर चढ़ गया। उसे पूरी रात करंट प्रवाहित लाइन के तारों के बीच गुजारनी पड़ी। इस मामले में बिजली कंपनी के कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। ग्रामीणों की सूचना के बाद भी चालू लाइन की सप्लाई बंद नहीं कराई गई। पूरी रात खतरे के बीच गुजारने के बाद भी उसका बाल बांका नहीं हो सका।